नई दिल्ली. Oct , 3, 2024 : ईरान द्वारा इजरायल पर रॉकेट दागने के बाद एक तरफ दुनिया पर जंग का खतरा मंडरा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर का फोकस कहीं ओर ही है. पीएम मोदी के खासमखास नेताओं में से एक जयशंकर पिछले करीब दो सप्ताह से अमेरिका में डेरा डाले हुए हैं. पीएम मोदी क्वाड मीटिंग और संयुक्त राष्ट्र में अपने अभिभाषण के बाद वापस स्वदेश लौट आए लेकिन एस जयशंकर अभी भी अमेरिका में रहते हुए एक खास काम में लगे हुए हैं. पिछले 11 दिनों में अमेरिका के विदेश सचिव एंटनी ब्लिंकन के साथ वो एक या दो नहीं बल्कि तीन औपचारिक मुलाकात कर चुके हैं. अब मन में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर जयशंकर की इतनी मुलाकातों का मकसद क्या है. चलिए हम आपको इनके बारे में बताते हैं.
विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच बुधवार रात हुई बैठक के दौरान पश्चिम एशिया में बढ़ते संघर्ष पर चर्चा की. इजरायल के खिलाफ ईरान के हमले, यूक्रेन में युद्ध और शांति के लिए भारत के प्रयास, बांग्लादेश में घटनाक्रम पर दोनों नेताओं ने अपने-अपने रुख साफ किए. मंगलवार को चीन की कार्रवाई सहित इंडो-पैसिफिक में घटनाक्रम भी चर्चा का विषय था. यूं कहें कि इस मुलाकात का मुख्य उद्देश्य दुनिया भर में हो रही गतिविधियों पर चर्चा करना था.
कब-कहां मिले जयशंकर-ब्लिंकन?
इससे पहले एस जयशंकर और ब्लिंकन उभरती हुई टेक्नोलॉजी यानी सेमीकंडक्टर के मुद्दे चर्च करने के लिए बैठक कर चुके है. तब दोनों नेताओं के बीच क्लनी एनर्जी पर भी बातचीत हुई थी. सबसे पहले दोनों दोनों की मुलाकात क्वाड लीडर्स समिट के दौरान 21 सितंबर को राष्ट्रपति जो बिडेन और पीएम नरेंद्र मोदी के बीच द्विपक्षीय बैठक के दौरान हुई थी. डेलावेयर में इस मुलाकात के बाद दोनों नेता फिर न्यूयॉर्क में जी20 विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान संयुक्त राष्ट्र महासभा के मौके पर मिले थे और ग्रीन एनर्जी और सेमीकंडक्टर को फोकस में रखते हुए दोनों ने चर्चा की थी. अब दोनों नेता वाशिंगटन में मिले हैं.
भारत के क्या है शुभ संकेत?
विदेश मंत्रियों के बीच बातचीत भारत-अमेरिका कूटनीति के ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका आंतरिक रूप से चुनावों और बाहरी रूप से दो युद्धों से जूझ रहा है. पीएम मोदी ने बीते दिनों अमेरिका में भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा था कि जल्द अमेरिका में भारत में बनी सेमीकंडक्टर सिम देखेंगे. एस जयशंकर इसी सपने का साकार करने में लगे हुए है. भारत को पता है कि आने वाला फ्यूचर सेमीकंडक्टर और ग्रीन एनर्जी का है. ऐसे में एस जयशंकर इसी फोकस के ध्यान में रखते हुए अमेरिका में रहते हुए भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की संभावनाएं तलाश रहे हैं.